Plane crash causes: हाल के सालों में प्लेन क्रैश यानि कि हवाई दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि चिंता का विषय बन गई है. साउथ कोरिया में एक प्लेन क्रैश हो गया जिसमें कम से कम साथ लोगों के मरने की खबर है. इसके साथ ही ही यह बहस छिड़ गई है कि इन दुर्घटनाओं के कारणों की जांच और उनकी रोकथाम के लिए कदम उठाना बेहद जरूरी है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हवाई दुर्घटनाएं कई कारणों से हो सकती हैं, जिनमें पायलट की गलती, तकनीकी खामियां, मौसम की प्रतिकूलता और यहां तक कि एयरलाइन कंपनियों की लापरवाही शामिल है. इनके अलावा कुछ प्रमुख कारणों और उनके समाधान पर के बारे में समझना जरूरी है.
दरअसल, लीगल ग्राउंड पर काम करने वाली लॉ फर्म Wisner Baum ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में इन घटनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की है. फर्म ने एविएशन में एक्टिव एक्सपर्ट्स के हवाले से इस बारे में बताया है. कारणों के साथ यह भी बताया हवाई दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को कड़ाई से लागू करना और तकनीकी खामियों को समय रहते सुधारना अनिवार्य है. एयरलाइंस को सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अपनी नीतियों में जरूरत के हिसाब से बदलाव करना चाहिए.
पायलट और क्रू मेंबर की गलतियां.. इस रिपोर्ट में बताया गया कि पायलट की गलती हवाई दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है, जो करीब 53% दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार है. पायलटों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे खराब मौसम, यांत्रिक समस्याएं और सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करना. इसके अलावा, क्रू मेंबर की छोटी-छोटी गलतियां, जैसे सामान को सही से न रखना, भी गंभीर परिणाम दे सकती हैं.
एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस की लापरवाही इसके अलावा एयरलाइंस द्वारा विमान की मरम्मत और निरीक्षण में लापरवाही भी एक बड़ा कारण है. उदाहरण के लिए, 2000 में हुई अलास्का एयरलाइंस फ्लाइट 261 की दुर्घटना में मेंटेनेंस की कमी को मुख्य कारण बताया गया था. ऐसी लापरवाही से विमान तकनीकी खामियों के साथ उड़ान भरता है, जो खतरनाक साबित हो सकता है.
तकनीकी खामियां और निर्माण में कमी विमान के डिजाइन और निर्माण में खामियां भी दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं. विमान के हर हिस्से को उड़ान के दौरान हवा, टेकऑफ और लैंडिंग के तनाव को झेलने के लिए मजबूत होना चाहिए. 20% दुर्घटनाएं इन्हीं खामियों के कारण होती हैं. इस मामले में कंपनियों की जवाबदेही तय करना बेहद जरूरी है.
मौसम का प्रभाव भी सामने आता है.. खराब मौसम के कारण 12% दुर्घटनाएं होती हैं. हालांकि, विशेषज्ञ बताते हैं कि मौसम अकेले दुर्घटनाओं का कारण नहीं बनता. खराब मौसम में उड़ान की अनुमति देना या इस दौरान सही निर्णय न लेना पायलट और एयरलाइन की लापरवाही को दर्शाता है.
एयरलाइन कंपनियों की लापरवाही आजकल कई एयरलाइन कंपनियां समय और लागत बचाने के लिए सुरक्षा के साथ समझौता करती हैं. पायलटों और क्रू मेंबर्स पर दबाव डालकर जल्दबाजी में फैसले लेने को मजबूर किया जाता है. यह कॉर्पोरेट संस्कृति हवाई यात्राओं को असुरक्षित बना सकती है.
साथ ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल की गलतियां एयर ट्रैफिक कंट्रोल की छोटी सी गलती भी बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है. 1991 में लॉस एंजेलिस एयरपोर्ट पर हुई दुर्घटना में एयर ट्रैफिक कंट्रोल की लापरवाही से दो विमानों की टक्कर हुई, जिसमें 35 लोगों की मौत हो गई थी.
सुरक्षा उपकरण और लैंडिंग तकनीक विमानों की लैंडिंग में "ग्लाइड पाथ" और "प्रिसिजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर" (PAPI) जैसे सिस्टम का उपयोग किया जाता है. ये तकनीकें पायलट को सही मार्गदर्शन देती हैं. साथ ही, "इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम" (ILS) खराब मौसम में भी सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करता है. लेकिन इनका सही उपयोग और रखरखाव जरूरी है. Photo: AI
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